कहते हैं , जैसा बोवोगे, वैसा ही पाओगे......
सच है, आपका दृष्टिकोण सकारात्मक है, तो हर मोड़ पर ज़िन्दगी के मायने मिलते हैं,
नकारात्मक सोच सिर्फ भय दिखता है,कुछ भी शुरू करने से पूर्व ही हम हार जाते हैं,
तो - सही दिशा,सही निर्देशन की तरफ कदम बढायें.......
कभी कही एक चील (Eagal) दम्पति ने एक नवजात शिशु को जन्म दिया और दुर्भाग्य बस किसी दैवी बिपदा के शिकार होकर असमय ही ईश्वर को प्यारे हों गए वो नन्हा चील शिशु अनाथ हों गया, परन्तु सौभाग्य कहिये या दुर्भाग्य उस शिशु को एक कबूतर दम्पति ने अपने बच्चो के साथ पालने का बीडा उठा लिया वो शिशु उन कबूतर के बच्चो के साथ घुल मिल गया और खुद को उन सा ही समझने लगा समयानुरूप सभी बच्चे बड़े होने लगे, समझदार होने लगे एक दिन उस चील के बच्चे ने सुदूर आकाश में खुद सा ही पक्षी उड़ते देखा, और कौतुहलवश अनपे कबूतर भाई बहनों से बोला, की क्यों न हम सभी भी अनंत आकाश की उस उचाई को मापें सभी कबूतर बच्चे उसकी कल्पना से सिहर उठे और एक सुर में बोले, अरे मुर्ख वो पक्षी चील है और हम ठहरे कबूतर उनकी बराबरी करने का न हमारे परों में दम है न साहस अतः येसा कभी सोचना भी मत उस चील शिशु की कल्पना ने भाइयो के सुझाब में आकर वही दम तोड़ दिया और वह पूरी जिंदगी आम कबुतारो की तरह ही जीता रहा और ईश्वर के द्वारा निश्चित समायानुसार स्वर्ग सिधार गया एक जीव जिसके पास सारे सामर्थ्य थे, अन्नंत आकाश को मापने के, मगर वो वैसा नहीं कर सका क्युकी उसमे आभाव था सकारात्मक दृष्टिकोण का, सही दिशा में देख सकने वाले विवेक का, साहस का
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
1 comment:
nice blog!!! please visit us, thanks^^ asianworldmusic.blogspot.com
Post a Comment